22 JUN 2017 AT 23:38

कहने को प्यार तो होता रहता है,
कभी चाहत नज़र आए तो बता देना।
मैं मिटा दूंगा!
मिलने को दिल तो रोज़ मिलते हैं,
कभी रूह मिल जाए तो बता देना।
मैं जुदा कर दूंगा!
रोने को तो आँसू रोज़ बहते हैं,
कभी तेरे निहाल होने पर बहें तो बता देना।
मैं हँस दूंगा!
चिराग में तेल रोज़ की तरह आज भी है,
कभी पानी से जल जाए तो बता देना।
मैं फूँक दूंगा!
आँधियों की ताकत आज भी कम नहीं,
कभी तूफ़ान के शोर से उजाड़ जाऊँ तो बता देना।
मैं छोड़ दूंगा!

- सौरभ