Soumya Chourasia   (Sôümÿā-❤)
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Joined 19 November 2017


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Joined 19 November 2017
9 OCT 2022 AT 1:27

अजीब हाल है उनका भी,
मेरा होना भी नहीं,
और मुझे खोना भी नहीं।

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28 MAY 2022 AT 5:28

प्रेम मैने कुछ ऐसा किया है तुमसे की तुमरे बिन एक पल नही गुजरता, तुम एक पल भी मेरे ख्यालों से दूर नहीं रहते, प्रेम कुछ ऐसा किया मैने तुमसे की मेरी तस्वीर भी मुझे तुमरे बिना अच्छी नहीं लगती, कुछ इस तरह का है प्रेम मेरा की मेहंदी के रंग तक निशित कर सकेंगे कितना गहरा इश्क है मेरा,
आखें खुलते ही तेरा ख्याल आना, तुझसे मिलने के खातिर हर रोज मेरा ये नया बहाना, तेरा मुझसे हमेशा मिलने आना और फिर तुझमें मेरा खो जाना, शायद इतना इतना आसान नही है मेरे प्रेम को समझ पाना।

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12 APR 2022 AT 14:29

काश एक सुबह ऐसी भी हो तू करे इज़हार अपने प्यार का,
आँखें खोलू तेरा दीदार हो और यकीनन सिर्फ और सिर्फ तेरा प्यार हो,
बैठ सिरहाने पर मेरे तू हक़ जताए अपना,
हकीकत का तो पता नहीं लेकिन कुछ ऐसा ही है मेरा सपना,
तू थाम ले हाथों को मेरी जैसे वो बनी सिर्फ तेरे लिए हों,
आँखों में आँखें डाल के चंद प्यार की बातें भी हों,
न कर सके खुलेआम प्यार तो बस धीमे से कह देना,
कौन हूं मैं तेरी और कितना सही है हम दोनो का साथ में रहना,
गर तू हिम्मत दिखा सके तो अपना बनाने की ज़िद भी करना,
ना हो अगर ये मुमकिन तो कम से कम खोने से तो डरना,
यही होता है मेरा हर रोज़ का सपना की काश तू हो जाए सदा के लिए मेरा अपना
❤️

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7 JAN 2022 AT 0:39

गर होता पता तेरे इरादों का तो ना होता इतना गुरूर तुझपे,
गर होता पता सभी झूठे वादों का तो ना चढ़ता सुरूर इतना तेरा,
गर होता होश तेरे सहारो का तो संभल जाता ये दिल मेरा,
ना आता इतना करीब तेरे, ना हि होता ये तबाह, ना हि इतनी खामोशी से शोर करता

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7 JAN 2022 AT 0:29

जो कुछ सुनना था सिफ एक शक्श को
खामखां सरा ज़माना अब उसे पढ़ता है

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29 MAY 2021 AT 23:29

दौर कठिनाइयों का है, हैं चुनौतियां भी कम नहीं,
होड़ लगी है आफतों की, क्या ये बड़ा गम नहीं,
मुश्किल में है जहां सारा, गगन बरसा रहा चिंगारी,
हाय ये कैसी महामारी! हाय ये कैसी महामारी!
आयी है विपदा इस छड़, टूट गया हर प्राणी है,
चाहत आरज़ू मन मे समेटे, संकट याद ज़ुबानी है,
विकट ये महामारी है! विकट ये महामारी है!
बनी कहीं रक्षक सफ़ेद वर्दी, कहीं आँखों मे पानी है,
निराशा है चारों ओर पूछता हर एक प्राणी है,
क्या ज़िन्दगी यहीं थम जानी है??
ये सिर्फ महामारी है! ये सिर्फ महामारी है!
हारेगी ये महामारी भी, चमकेगा फिर से भारत भी,
बना रहेगा देश का मान,फिर लौटेगी जीवन मे मुस्कान,फिर मिलगेगी खुशाली,
फिर मिलेगा सबको काम,
अभी जो पल मिल गया है, चलो कर ले इसमे आराम,
खेल-कूद-मस्ती कर ले नन्हे मुंहे लालों से,
थोड़ी सी बातें कर ले बूढ़े-सफ़ेद बालों से,
थोड़ा वक्त जो मिले, चलो ले-लें सबका हाल,
समय जो मिला है अब, चलो बनाए इसे कमाल!
हराएंगे महामारी को,
बीतेगा ये वक़्त भी यार,
हरा के दिखाएंगे, हमारा भारत देश महान।

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17 FEB 2021 AT 13:35

एहसासों की कमी ये बताती है
किसी ने एहसासों से खेलने की साज़िश की थी।

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16 FEB 2021 AT 22:30

कुछ एहसास न होने में भी बहुत बड़े एहसास छुपे होते है

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25 NOV 2020 AT 2:27

पत्थर की लकीरें खीचते चले जा रहे है जीवन में
हैं इस बात से अनजान, कब लहरे आ के इन्हें मिटा जाए।

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24 NOV 2020 AT 1:46

तुम मेरे लिए शिव बन के तो दिखाओ मैं भी 108 जन्म ले के दिख दूंगी तुम्हे पाने के लिए।

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