15 FEB 2018 AT 23:02

आज जब खिड़की के बाहर झाँका तो पाया, वो बच्चा आज नए स्वेटर में है।उसके पीले ओर नीले स्वेटर से आसपास एक खुशहाल सा माहौल है।रोज उसका ठंड में कांपना और रोना,सारे माहौल को गमगीन कर जाता था।
पर आज पंछी भी स्वर में चहचहाते से लग रहे हैं।मंद मंद हवा खुशबुदार बन फ़िज़ा में घुल रही है। सूरज की लालिमा भी कम नही है पर आज वो धूप कड़क नही लग रही।
किसी को खुश देखकर सब कुछ खुशमिजाज हो जाता है,ये पहले पता होता तो उसे कबका स्वेटर बना दे दिया होता।काश वो एक्सीडेंट न हुआ होता,मेरा हाँथ अब भी मेरे पास होता।तो खरीदकर नही।अपने हांथो से बना स्वेटर देती तुझे।
खुश रहना हमेशा।

- '"सोनिल"(ख़्वाहिश)