आज हम दोनों साथ हैं
फिर भी तू उदास है।
तू खोया है किस चिंता में
किस डर का ये आभास है?
आज हम बच्चे हैं
उमर से भी कच्चे हैं
कल को जब बड़े होंगे
तब क्या ये रिश्ते सच्चे होंगे?
कल की बात सोच कर
आज ना बरबाद कर
लिखा है जो सो होगा ही
आज ही शक रिश्तों पर न कर।
सुन मेरे दोस्त प्यारे यार
ये आशा का फूल पास रख
कल होगा जो भी होगा सही
बस इतनी तू फरियाद कर
- '"सोनिल"(ख़्वाहिश)