तू जिस शिव को खोज रहा देख तेरे भीतर बैठा है अंतर्मन में झांक कर देख कितने विष को तूने ऐंठा है तू अपने को पहेचान ले बस वो महादेव महाकाल है तेरी वो अतूट ढाल है उसने तुजे खुद में समेटा है तू जिस शिव को खोज रहा देख तेरे भीतर बैठा है ।
🌺शिवोहम शिवोहम🌺 अब मन मेरा मेरे बस में है भीतर के शिव के वश में है कोई अधूरी आस नहीं कोई पुरानी प्यास नहीं आज अटक रही कोई बात नहीं कहीं भटक रही कोई रात नहीं वो द्वेष भाव या राग नहीं जलती भीतर कोई आग नहीं सुख का कोई शोर नहीं दुःख का चलता कोई ज़ोर नहीं जीवन अभिलाष का अन्त नहीं मरणोपरांत कल्पांत नहीं अब मन मेरा मेरे बस में है भीतर के शिव के वश में है sonia Joshi
International Tea day (21/05/) सुकून-ऐ-दिल ........❤️अदरखी चाय की प्याली जाए मिल...☕ च्हा की चाह इतनी अजीब सी है,वो ही दिल के सब से करीब सी है च्हा की चाह को चाह कर भी हम छोड़ ना सके,कहीं कॉफी कहीं शिकंजी मिली पर च्हा से हम चाहत का रिश्ता तोड़ ना सके