20 JUL 2018 AT 16:34

अमीर इमारतें सजाता है दिखाने के लिए
ताउम्र तरसता है अपनों का साथ पाने के लिए
ग़रीब हर दिन कमाता है दो वक़्त के खाने के लिए
उसकी ख़ुशियाँ मोहताज नहीं किसी बहाने के लिए

- sona