21 JUN 2018 AT 22:26

फ़ासलों की फ़सील से उभरता इक साया
वक़्त की सरहदों से बईद
हकीक़त सा ज़िन्दगी-फ़रेब
ख़यालों में सिमटता
इक अजीब ज़ाविये में मुहीत
मेरे मंनिन्द
तन्हा
ख़ुद-निगर
मुंजमिद अँधेरों का इक दरिया...

क्या वो मेरा कोई अपना सा है?
या फ़िर
सिर्फ मेरा ही अक्स?

- Misty Sierra