जो निकम्मे होते है
साहेब,
वह दूसरों पर बोहतान
लगाते फिरते है ।
जिनके पाँव के धुल की
बराबरी नही सकते,
उनपर कीचड़
उछाल ते फिरते है ।
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कभी अपना भी तो ख्याल करे
कभी अपने साए की भी तो बात करे ...
हसी तो चेहरे पर, हर दम है
कभी अपने अंदरूनी गमों
पर भी तो बात करे ...
कहीं शरारतें है - कहीं बदगुमानीयाँ
अपना जो हिस्सा है - चलो उनकी भी बात करे
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दिल छोटा नही करते
खुशियों को युंह समेटा नही करते
आरजू है उनसे मिलने की
तन्हाई में बैठकर युंह रोया नही करते ...
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तकलीफें वहाँ ज्यादा
मिलती है सहाब,
जहाँ सवाल भी अपने हो
और जवाब भी अपने हो ।-
कोई हो तो मुक्कमल हो हमारा
युंह आधे सफर से, वास्ता क्या हमारा ...
कोई साथ चले, तो पुरे मुक्कमल तौर पर
युंह आधे-अधुरे ख्व़ाब देखने से क्या फायदा ...
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भाई लोग,
इश्क के मजहब
मै ना का मतलब भी
हाँ होता है ...
मुस्कराहट के पिछे
बड़ा दर्द छिपा होता है
हर कोई यहाँ खुश नही होता सहाब,
खुश दिखाने के चक्कर मै
फ़ानी जिंदगी गुजार देता है ।-
जब हम खामोश है,
तो यह हाल है ।
सोचों जब हम बोलने लगेंगे,
तो क्या हाल होगा ।-
इस फानी दुनिया से,
यहाँ के लोगों से,
इश्क रखने से क्या फायदा ?
जब मेरी कभी खतम ना होने
वाली जिंदगी मेरा इंतजार कर रही है ।-
जानिए औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर होगा की नही ?
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http://www.khadebol.in/2021/01/aurangabad-sambhajinagar.html-
हाँ उस मर्ज़ का अब दर्द नही होता
भुल गया हो तो जाने दो !
हमे अब उसके फ़िक्र का
अहसास नही होता ...-