दिल को सुबकने दे..
मुझे चुप ही रहने दे...
है तो बहुत शिकायतें तेरी,
खामोश दबी हुई मेरे सीने में कैद..
ना तुझसे कहूं, न जग से बोलूं,
तेरा रूतबा ना कम हो जाए कहीं
तडप उठे दिल, या के मचल के रो दे,
तुझे पा ले, या यूं ही खो दे,
जो भी होगा सह जाएगा मन मेरा पागल,
तडपेगा थोड़ा पछताएगा रोएगा, पर जी लेगा ये कायल
तडपे अगर तो तडपने दे, रोता है तो रोने दे
दिल को सुबकने दे, मुझे बस चुप ही रहने दे।।
- Word_addict22