चलो आज मुस्कुराते लबो पे अश्को का पानी बहा लिया जाये
क्यू ना दिखावे को ठुकराकर थोडासा सुकून पा लिया जाये
चलो आज जमाने को एक अजीब सी दास्तां सुना दि जाये
क्यू ना भीड में गुमनाम कहानी से यूं परदा उठा लिया जाये
यूं तो शौक नहीं है हमे कुछ बताने का, लोगों से थोडी दुश्मनी हैं
पर क्यू ना मेहफिल सूनना चाहे इस तरह शब्दो को पिरो लिया जाये
इश्क मोहब्बत जैसे बर्बाद नशो से आज तक कोसो दूर रहते हैं हम
क्यू ना और एक बर आबाद कर दे ऐसे दोस्ती का जाम पि लिया जाये
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