5 JAN 2018 AT 20:32

तुम्हें क्या पता, उसने चुना था तुम्हें हजारों में,
उसे तो आज भी तुम्हारी तस्वीर दिखती है, दीवारों में,
काश ये सब समझ पाते तुम इशारों में,
रोया करती थी अक्सर वो किनारों में,
फिर tinder से मरहम का तो सोच भी नहीं सकती वो ख्यालो में |

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