सपनों को तोड़ दिया उसे ही सब कुछ बना लिया दुनिया से नाता तोड़ दिया फिर उसने भी यूँ छोड़ दिया मेरा मुझसे नाता तोड़ दिया उसने मेरा दिल, मेरे सपने, मेरा वजूद सब तोड़ दिया, उसने मुझे तन्हा छोड़ दिया
मैंने ज़िन्दगी को बहुत करीब से देखा है शायद इसी लिए, ज़िन्दगी को हल्के में लिए हुए और दुनियादारी में रमे हुए लोग मुझे कुछ समझ नहीं आते पैसों की फिक्र हो जहाँ पर इंसानों को बेरुखी से नवाज़ते लोग मुझे कुछ समझ नहीं आते सामने हँस कर पीछे चुगली करते लोग मुझे कुछ समझ नहीं आते भगवान को न मानने वाले या खुद को भगवान के तुल्य जाने जो ऐसे लोग मुझे कुछ समझ नहीं आते मुँह पर संत पर असीम छल करते लोग मुझे कुछ समझ नहीं आते ये दोगली सी दुनिया के पैमाने और इन्हें बनाने और मानने वाले लोग मुझे कुछ समझ नहीं आते