हमारे लफ्ज हर एक दर्द का ऐलान लिखेंगे,
यही कुछ लफ्ज दुनिया के लिए पैगाम लिखेंगे!
कभी तक़सीम की जद में दर ओ दीवार लिखेंगे!
कभी कुछ तीर नफरत के दिलों के पार लिखेंगे!
कभी गुजरे हुए पल की सुहानी याद लिखेंगे!
यही कुछ लफ्ज सबके रंज की फरियाद लिखेंगे!
हर एक मुफ़लिस पर बीते वक़्त के अज़ाब लिखेंगे!
हमारे लफ्ज रोटी को भी अब महताब लिखेंगे!
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