जितनी भी ज़िन्दगी जी है हमने बड़ी शिद्दत से जी हैमेहनत भी की है हमने और मोहब्बत भी की हैमेरे अल्फ़ाज़ किसी के लिए आंसुओं का सबब बन जाएहमारी कलम ने अभी वो रोशनाई नहीं पी है - सिद्धार्थ अवस्थी (आज़ाद)
जितनी भी ज़िन्दगी जी है हमने बड़ी शिद्दत से जी हैमेहनत भी की है हमने और मोहब्बत भी की हैमेरे अल्फ़ाज़ किसी के लिए आंसुओं का सबब बन जाएहमारी कलम ने अभी वो रोशनाई नहीं पी है
- सिद्धार्थ अवस्थी (आज़ाद)