20 FEB 2018 AT 20:35

कहां शब्दों से कभी इस तरह से मुलाकात हुई थी.......
और कब ये अल्फाज ही मेरे थे......
बस ज़िंदगी से मुलाकात के सिलसिलें बढ़े तो इन शब्दों से वाकिफ हुये.......
कुछ धागे जुड़े कुछ सपने टूटे और कोई ता उम्र के लिये टूट कर बिखर गया.......
वो bikhare हुये टुकड़े अल्फाजों से रूबरू हुये.....

- Susan tri😘😘😘🤔