SHUBHAM TRIPATHI   (आवारा)
226 Followers 0 Following

बस इतना जान लीजिए,
"मेरी पहचान ही मेरी मुहब्ब्त है;
पहचान वो, जो मुझसे रूठी है।"
Joined 18 November 2017


बस इतना जान लीजिए,
"मेरी पहचान ही मेरी मुहब्ब्त है;
पहचान वो, जो मुझसे रूठी है।"
Joined 18 November 2017
29 JAN 2022 AT 19:29

दूसरे के बगीचे को देख मैं खुश होता रहा!
उजाड़ के बाग अपना इस कदर सोता रहा!

जागा जब नींद से रात के ऐसे पहर में,
कि रात पूरी रही और सारी रात रोता रहा!— % &

-


29 JAN 2022 AT 1:20

हकीम भी हंसे जब दर्द पर तेरे,
बताइए सनम अब कहां जाइएगा?

जकड़ के रखा है खुद को खुदी ने,
गज़ब है अदा क्या कसम खाइएगा!— % &

-


11 JAN 2022 AT 14:06

ना हुए हम अहम किसी के ना ही गैरज़रूरी।
ना ही किसी के मुकम्मल ना ही चाह अधूरी।

-


11 JAN 2022 AT 13:51

रिवायत तो है टूट जाने की, रियायत तो कर दे थोड़ी-सी।
यूं चुप ना रह ऐ बेखबर, शिकायत ही कर दे थोड़ी-सी।

-


6 JAN 2022 AT 1:46

जागते रहे हम तारों के सहारे रात भर,
बादलों को ओढ़ सो गए वे ख़्वाब भर।

-


6 JAN 2022 AT 1:44

ज़िन्दगी कम ना पड़ जाए हर बात समझने को,
वक़्त बेवक्त ही सही, आता है मगर ये कहने को।

-


6 JAN 2022 AT 1:43

ज़र्रे-ज़र्रे में फ़ैल जाती है वो महक बन कर,
मोहब्बत मेरी बस उसे समझ नहीं आती।

-


2 JAN 2022 AT 10:53

ना किसी की किताबों में, ना ही इबादत में शामिल हुआ मैं!
रफ़ाक़त में हुआ शामिल जब उस संग, तो कामिल हुआ मैं!

-


2 JAN 2022 AT 8:38

किसी को उम्र भर भी देखूं तो जी ना भरे,
किसी के दीदार को यहां आंखे तरस जातीं।

किसी की चाहतें बेशुमार पर हम शुमार नहीं,
किसी की आदतें बन के भी हम रह ना सके।

-


2 JAN 2022 AT 0:32

हां दर्द है, है कहां क्या खबर है?
हकीम मेरा, मेरा सबर है...!

-


Fetching SHUBHAM TRIPATHI Quotes