मैं देखकर तुझको दौड़ पड़ाचहक रहा था मेरा मनदूं तुम्हें मुबारक़बादभर कर 'आलिंगन'तुम नजर फेर कर चले गयेमैं लिये खड़ा अपनापनकैसे कह दूं तुम वो न रहेकैसे आँखों में सूनापन - shubhendra
मैं देखकर तुझको दौड़ पड़ाचहक रहा था मेरा मनदूं तुम्हें मुबारक़बादभर कर 'आलिंगन'तुम नजर फेर कर चले गयेमैं लिये खड़ा अपनापनकैसे कह दूं तुम वो न रहेकैसे आँखों में सूनापन
- shubhendra