27 JUN 2017 AT 16:28

मैं देखकर तुझको दौड़ पड़ा
चहक रहा था मेरा मन
दूं तुम्हें मुबारक़बाद
भर कर 'आलिंगन'

तुम नजर फेर कर चले गये
मैं लिये खड़ा अपनापन
कैसे कह दूं तुम वो न रहे
कैसे आँखों में सूनापन


- shubhendra