परिभाषित है आज सनातन कतिपय ढोंगी बाबाओं से, विचलित होते सन्त सयाने आडम्बर के कटुताओं से। परिवारों में कलह मची है जोकर जैसे मुखियाओं से, संभव हो तो सम्भालो तुम अपनों को विष गाथाओं से। आज अहिंसा के बल पर ही जग में नाम तुम्हारा होता, अधनंगी तस्वीरें जग में क्यूं कर आज गवारा होता। राम सिया के कृत कर्मों का अनुपालन यदि सारा होता। तुमने भी यदि हृदयांगन से राम का नाम पुकारा होता। Sj..✍️
काशी करवट ले रहा,पोत पोत कर रंग। बाबा के दरबार में, ई - पूजन का ढंग ।। ई-पूजन का ढंग, बुकिंग कराओ पहले। करो टिकट पर जंग,अंग पर दाग रुपहले।। साँड़ तोड़ दे हाड़, मिलेंगे फिर अविनाशी। लेख शिला पर सजे,ले रहा करवट काशी।।
दायित्व सभी पूरे हो प्रभु तेरे निज जीवन के सारे घर आंगन में हों खुशियां वैभव अपना डेरा डाले चढ़ते रहना नित कहता हूं सोपान सभी सद कर्मों के आशीष हृदय से आज यही हर सुख तू ’शुभ’ का पा ले।