22 DEC 2017 AT 18:28

हम तो खरपतवार ही थे मगर आमंत्रण आपकी तरफ से था,
ना खाली खेत में आपकी अगुवाई होती,
ना हम आपकी चाहत में इस खेत में
खिंचे चले आते|

- Shubhankar Thinks