Shubhangi Priya   (@flyhigh)
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Joined 16 May 2018


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Joined 16 May 2018
30 MAR 2022 AT 12:16

वो क्या है ना कि
लोग कहते है कि लड़कों को फर्क नहीं पड़ता
पर बात दरअसल ऐसी है ना
की जिम्मेदारियों का बोझ इतना है उनपे
की फर्क पड़ने का वक़्त ही नहीं
ऐसा नहीं है कि दिल रोता नहीं है लड़कों का
पर क्या ही करे रोकर सहानुभूति लेना हमने सीखा है नहीं
लड़के ऐसे है
लड़के वैसे है
उनके पास दिल नहीं है
वो कुछ समझते नहीं है
वो बस गुस्साते है
वो बस झल्लाते है
जो ऐसा कहते है ना
सुन लो तुम भी
ये लड़के ही है
जो दर्द छुपाना भी जानते है
रोकर मुस्कुराना भी जानते है
जिम्मेदारियों के बीच जीना भी जानते है
बिना शिकायत हर दुख बाचना भी जानते है
तो अगर फिर कभी लड़कों पे कभी भी मन्न झल्लाए ना
तो झल्लाकर नहीं मुस्कुरा कर समझना उन्हें
हर वक़्त शिकायत नहीं कभी समझ कर भी देखना उन्हें ।।

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20 JAN 2022 AT 18:23

कभी कभी हमें पता होता है
की वक़्त को बर्बाद कर रहे है हम
पर नाजाने क्यों वो बर्बादी भी मजा देता है
तन्हाइयों के तलब में हम बेतहाशा गुम होते है
पर वो गुस्ताखियां भी हमें तजुर्बा देता है ।।

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18 JAN 2022 AT 20:29

जिद है जितने कि खुद से
मुझे खुद को ही हराना है
ऐसे तो लोग बहुत है दुनिया में
मगर मुझे अपने तकलीफों से बाहर आना है

नज़्म कम पड़ रहे है
दुआए बेअसर हो रही है
मै लटका सा हूं एक खूंटी में
और दरवाजे तंग पड़ रही है

पर जिद भी तो कुछ ऐसी पाली है
आखिर ये कबतक टटोली जाएगी
जो राह नहीं खड़ा मुझमें
वो राह निकाली जाएगी
हा वो राह निकाली जाएगी।।

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2 NOV 2021 AT 20:20

Life is never fair..and it will never be...

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29 DEC 2020 AT 0:07

ना जाने कितने बार जोड़ना होगा खुद को
तेरे द्वारा कई बार तोड़ने के बाद ।

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29 DEC 2020 AT 0:05

Do any mistake in ur life,
But never ever make a mistake to love someone..

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22 DEC 2020 AT 15:18

रास्ते आसान कहां थे
पर चलना तो था ही
सो चल पड़ा मै
तपती धूप भी थी
कड़कड़ाती ठंड भी थी
पर रास्तों को क्या था
चलना तो था ही ना
तो चल पड़ा मै
आंधियां भी चली
बिजली भी गिरी
पर रोकने की हिम्मत मुझे
किसी में ना थी
हर मोड़ पर रुका
मगर फिर चल पड़ा
क्युकी रास्ते चलने के लिए ही तो बने है ना
तो चल पड़ा मै
चलते चलते थक भी गया
लगा कि बस अब रुक जा यहां
पर मन ने भी सोचा की अभी नहीं अभी कहा
और फिर क्या था
रास्ता खुला था और चलता गया हां
फिर जो चला तो रुका भी नहीं
जो रोक दे कोई मुझे वो बना ही नहीं
फिर मंजिलों को भी छू कर निकल पड़ा मै
हां रुका जो नहीं तो फिर चल पड़ा मै
यूंही मेरी मंजिलों से मुलाक़ात नहीं हुई
क्युकी रास्ता तो था ही और चल पड़ा मै।

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19 DEC 2020 AT 16:53

If you aspire a dream
Then have guts tooo
To give ur whole to that dream!

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19 DEC 2020 AT 16:51

No, no, not any more..
I can't handle stress..
Yes, am torn from my core..
Those shitty thoughts and those shitty people
I swear i swear i cant take it more
From my minds to my heart
I m shattered , i m bored!

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19 DEC 2020 AT 13:02

In this long struggle , don't u forget to smile
Because you have to go, miles n miles n miles!

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