थी हमारे दरमियान...
और तुमने आँखों ही आँखों में
सब समझ लिया...
कोई बात नहीं
सिर्फ समय ही तो बदला है
'तुम और मैं' आज भी वही हैं
जहाँ तुम साथ हो ...
मेरा सबकुछ वहीँ है...! 🌹-
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rythm_diviine
उस दिन शायद...
मिलना लिखा था
मेरा और तुम्हारा।
वरना इतनी थकी होने के बाद
मै तो बाहर भी नहीं निकलती!
तुमसे मिली तो..मालूम हुआ
कि जन्मदिन है तुम्हारा।
और आज...तुम और मैं...
"हम" से प्रतीत होते है।
अब तुम्हीं सोचो...
वो एक मुलाकात थी...
या तोहफा!❤️-
Women Empowerment is not going to help,
unless
You raise loving men with a Normalised thought of how to live with an Empowered women.
Shubhangi Jasaiwal-
This isn't just a battle,
But a war...
There isn't any one field,
But Countries roar...
The Soldiers are helpless
But Doctors bore,
The Burden of Coronavirus
To rescue more!
Can we Support in fighting
this Pandemic?
Can we Save mankind today?
Can we Stay Inside for now,
So that when all this ends
The Doctors, The Police,
all the service givers, and
People stuck at places too
can finally
Return their homes!
-Shubhangi Jasaiwal-
तुम दूर हो मगर,
दूर "तुम" नहीं...
पास हो लेकिन,
पास क्यूं नहीं?
एहसास बनके तुम मौजूद हो
मुझमें ही कहीं...
फिर भी कमी खलती है तुम्हारी मौजूदगी की!
पता नहीं ये समय भी कब गुजरेगा...
तुम्हीं बोलो ... तुम्हारे बिना भी, ये ज़िन्दगी
ज़िन्दगी है कहीं?
-
हमेशा मेरे शब्दों पर मत जाना,
शब्द हर एक अहसास हो नहीं व्यक्त कर पाते,
तुमसे ज्यादा और किसके करीब हूं मै?
मेरे मन को तुमसे बेहतर भी
कोई समझता है भला क्या?
इसलिए, टूटे फूटे शब्दों में ही सही,
तुम्हे सब कुछ बताना पसंद है मुझे!
सिर्फ तुम्हीं तो हो...
जिसके साथ मैं.. "मैं" होती हूं।
अब तुम्हीं सोचो,
तुमसे भी ज्यादा जरूरी और कोई मेरे लिए है क्या!?!-
संसार के, भरे शोर में,
अचानक ये हुआ क्या?
ना थमने वाली रफ्तार ने,
ये कैसा सन्नाटा खींचा!
घरों में रहने लगे लोग,
अपनों से जुड़ने लगे लोग,
ये एक वायरस का कहर है,
या ...सृष्टि की कोई नई रचना!-
रात से गले मिलकर
रात को गले लगकर
सुबह तुम्हारी बाहों में हो
यूं साथ रहने का वादा कर
नव जीवन मुझको तुम दो।-
I try every bit of every single thing that I do...
to spend a little more time with you...!-
तुम्हारा मुझसे कुछ यूँ मिलना... बिना कहे भी कितना कुछ कह जाना ...
अब बस एक धुंधली सी याद बन रह गया है...
तुम्हारी बातों में मेरा यूँ खो जाना...तुम्हारे सीने पर सर रख सो जाना
अब बस एक धुंधली सी याद बन रह गया है...
तुम्हारी आँखों का मुझे एक टक देखना ... तुमसे मिल के एक सुकून पाना...
अब बस एक धुंधली सी याद बन रह गया है...
जब देखती हूँ मै उन तस्वीरों को जो अपनी यादों में संजोए रखी है मैंने...
वो तसवीरें भी अब...
बस एक धुंधली सी याद बन रह गई हैं..
न जाने तुम इतने बदले बदले से क्यों लगते हो
समझ नहीं आता मैं बदल गई हूँ या परिवर्तन तुममे आया है...
अच्छा-बुरा मैं समझ ही नहीं पाती,
शायद हम बस पहले की तरह
"ज़िन्दगी" के उस "एक ही पन्ने" पर नही है...
मुझे गलत मत समझना... प्यार कम नहीं है...
बस... जुड़ाव थोड़ा कम महसूस होता है... मै अब..
तुम्हे प्यार करते हुए भी...पहले से भी ज्यादा
और अकेली हो गई हूँ...
तुम्हारी सभी बातें... मुलाकातें... अब बस...
बस एक धुंधली सी याद बन रह गई हैं...-