काशान नज़र था, बस वो समझ ना पाया,मसरूफियत में वो मंज़िल से दूर चला आया. - 'शुभी'
काशान नज़र था, बस वो समझ ना पाया,मसरूफियत में वो मंज़िल से दूर चला आया.
- 'शुभी'