साथी घर जाकर सच मत कहना, बस संकेतो में बता देना
अगर माँ मेरी कुशलता पूछे तो जलता दीप बुझा देना
इतने पर भी ना समझे तो दो आंसू तुम भी गिरा देना
अगर हाल मेरी बहना पूछे तो सुनी कलाई तुम दिखा देना
इतने पर भी ना माने तो राखी तोड़ दिखा देना
अगर हाल मेरी पत्नी पूछे तो मस्तक तुम झुका लेना
वो इतने पर भी ना माने मांग से सिंदूर मिटा देना
अगर हाल मेरे पापा पूछे तो हाथो को सहला देना
इतने पर भी ना माने तो लाठी तोड़ दिखा देना
अगर हाल मेरा बेटा पूछे तो सर उसका सहला देना
इतने पर भी ना समझे तो सीने से उसे लगा लेना
अगर हाल मेरा भाई पूछे तो खाली रास्ता दिखा देना
इतने पर भी ना समझे तो सैनिक धर्म बता देना
अगर हाल मेरे यार पूछे तो उसे हंसकर कहानी सुना देना
इतने पर भी ना समझें तो रो कर गले लगा लेना ❤️
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