Modi shubham jain   (Modi shubham jain)
708 Followers · 70 Following

read more
Joined 25 May 2018


read more
Joined 25 May 2018
28 SEP 2023 AT 19:31

सबको क्षमा सबसे क्षमा है ही यही अब भावना,
दोषों को सबके भूलकर ,करता हूं सबसे यातना,
कल जो हुआ सो बीता है,अब ह्रदय दोषों से रीता है,
अब हाथ ये दोनों जोड़कर, करता हूं सबसे प्रार्थना।
।उत्तम क्षमा उत्तम क्षमा।

-


30 JUN 2023 AT 16:33

तेरी नज़र से देखता हूं खुद को आज भी,
कमी मुझे है दिख रही है मुझमें ही कहीं,
मगर दुनिया में परिपूर्ण होना नहीं देखा,
किसके हाथों में लिखी है किसकी रेखा।

-


12 JUN 2023 AT 22:02

कहीं मोहब्बत हकीम जैसी बालाएं सारी निगल रही है,
कहीं मोहब्बत भी काल बनके हमें ही डसने मचल रही है,
मोहब्बतों के बहुत हैं मंजर तुम्ही बताओ तुम्हारा आलम,
बहुत हुए हैं बर्बाद आशिक मगर बहुत की सफल रही है।

-


28 MAR 2023 AT 17:42

जूठी उम्मीदों में हम कितने सपने गढ़ लेते हैं,
खयालों ही खयालों में तसबीरें उकेर लेते हैं,
दुआ है तुझपर कभी मुसीबत बड़ी न हो,
जरूरत पे अक्सर दुनिया वाले मुं फेर लेते हैं।

-


8 MAR 2023 AT 7:03

रंगीन दुनिया के रंगों से कुछ तन्हाईयां बढ़ जाने दो,
द्वंद भी मन में हो जाए तो मन के आगे अड़ जाने दो,
कई दिवाली लूटा के बैठे दो अक्षर के चक्कर में फिर,
उसी CA के नाम बली अब ये होली भी चढ़ जाने दो।

Happpyy holi

-


14 FEB 2023 AT 17:20

Ye mera pehla pehla ishq h,
ye tera pehla peHLa pyaar hai,
Sab batein hain jadooi si,
Bin baaton ke takraar hai,
Ye mera....
Sab rang hawa me ghul gye ,
Ham bachpan piche bhul gye,
Ham paane ko didar tera,
Faasi kaa jhulaa jhul gye,
Teri baaton me sansaar hai,
Par muh pr bas inkaar hai,
Ye mera...

-


10 FEB 2023 AT 7:41

तेरी मोहब्बत के इंतजार में एक अरसा लिख दूं,
खुद को, ताक लगाए मोर तुझको बरखा लिख दूं।

-


8 FEB 2023 AT 22:08

सारे दरिया को रुककरके पीना चाहता हूं,
फटते हुए बादल धागों से सीना चाहता हूं,
जिसके लिए लाखों मरने मिटने को राज़ी
उस पल को मैं इक पल में जीना चाहता हूं

-


2 JAN 2023 AT 19:37

जाने हम एक सितारे की नुमाइश करते,
वो ज़मी पे चांद को लाने की ख्वाहिश करते,
जो दिए एक एक करके जलाए तुफां में ,
विरोधी खिड़कियों को खोलने की साजिश करते।

-


31 DEC 2022 AT 2:01

तेरी कहानी सच्ची नहीं निकली हर किरदार झूठा निकला,
तेरा असली चेहरा बताने वाला हर आइना टूटा निकला,
ढाई अक्षर भी चल न सकी हमारी मोहब्बत की कलम,
जिस राह पर चले तुझे मिलने कदम कदम खूंटा निकला।

-


Fetching Modi shubham jain Quotes