आज उनसे हमारी पहली मुलाकात है।
करना उनसे अपने दिल की बात है।
सुबह से सौ बार खुद को निहारा है।
पहली बार आज शरीर का मैल उतारा है।
बढ़ रही दिल की हर पल धड़कने हैं।
मन ही मन उठ रही अजब उलझने हैं।
कैसे शुरुवात होगी उनसे हमारी बात की।
क्या बातें होगीं फिर वही बीती रात की।
निकले घर से तो अब एक और मुश्किल आ पड़ी है।
मेरी प्यारी सी बाइक आज पंचर खड़ी है।
अब तो बस इन ऑटो वालों का सहारा है।
देर न हो जाएं बस यही एक मिनट में सौ बार पुकारा है।
चलो जैसे तैसे हम मंजिल तक अपनी आ पहुँचे।
उनको देख न जाने क्यों मन इतने खयाल सोचे।
बैठे आज हम दोनों एक दुसरे के सामने ऐसे।
रात रात भर ऑनलाइन दोनो रहते थे जैसे।
To be continued...
- Shubhu