Subhash Kumawat   (subhash nokhwal)
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Joined 19 September 2020


Joined 19 September 2020
5 SEP 2022 AT 9:53

सवाल ये है कि जब एक मजाक बार-बार हँसा नहीं सकता ...

तो एक तकलीफ़ बार-बार रुला कैसे सकती हैं

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5 JUN 2022 AT 13:04

💞अगर आपको कोई याद ना करे💜
❤तो आप कर लीजिए💕
🌹क्योंकि रिश्ते निभाते वक़्त👩‍❤️‍👨
💗मुकाबला नहीं किया जाता🌺
🙏🙏🙏🙏

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25 MAY 2022 AT 9:55

तलब तमन्नाए सब अधूरी रह जाती है
अक्सर दिल जिसे चाहता है उससे दूरी रह जाती है ❤

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25 MAY 2022 AT 9:42

तुमने तो हमें एक ख्वाब समझ कर भुला दिया
बरसो तुम्हारी आंख का काजल रहे हैं हम

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8 MAY 2022 AT 11:41

वफा ना थे
इश्क के असूल से हम
मोहब्बत करके उनसे ना जाने
क्यों हो गए फिजूल से हम

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30 MAR 2022 AT 13:02

💕आ मिल गले की👩‍❤️‍👨
💗 ये दुनिया की रसम भी अदा कर ले❣️
❣️इसी बहाने दिल से❤ दिल मिले💕
💔और हसरतें बयां कर ले 🤝

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18 MAR 2022 AT 12:57

🌹तलब उठती है बार-बार💞
🌺तुमसे बात करने की❣️
💗धीरे-धीरे ना जाने कब💜
❣️तुम मेरी लत बन गए🤝

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22 FEB 2022 AT 15:05

🌺 #ऐ चांद चला जा क्यों आया है❤
🌹 #तू मेरी चौखट पर🌹
❣️ #छोड़ गया वो शख्स💕
💜 #जिसके धोखे में तुझे देखते थे💗

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22 FEB 2022 AT 9:19

❤ #*यू मोहब्बत भरी निगाहों से ना देखा करो हमें
💞 #*अगर हम सांसों में बस गए❤🌹
🌹 #* तो नशा बन जाएंगे 🌹🤝

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21 FEB 2022 AT 14:06

जब हम आपको निहारे कोई भी खलल न हो
गैर तो दूर की बात है आईने का भी दखल न हो❤🌹

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