ये जो अब शे'र में तहदारी है, क्या तुमसे है??या उदासी का मेरी रंग निखर आया है -
ये जो अब शे'र में तहदारी है, क्या तुमसे है??या उदासी का मेरी रंग निखर आया है
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ज़िंदगी आई है बस क़ैद-ए-मुसीबत लेकरमौत आएगी रिहाई की ज़मानत लेकर -
ज़िंदगी आई है बस क़ैद-ए-मुसीबत लेकरमौत आएगी रिहाई की ज़मानत लेकर
एक दिन घर से बहुत दूर निकल आए हमहमको भाए नहीं एहसान जताते हुए लोग -
एक दिन घर से बहुत दूर निकल आए हमहमको भाए नहीं एहसान जताते हुए लोग
बनाने वाले ज़रूरी चीज़ें बना रहे हैंवो जिससे कुछ भी नहीं बना वो ख़ुदा बनेगा______दख़लन भोपाली -
बनाने वाले ज़रूरी चीज़ें बना रहे हैंवो जिससे कुछ भी नहीं बना वो ख़ुदा बनेगा______दख़लन भोपाली
फ़रेब है ये तबस्सुम भी मेरे होठों कातरस रहा हूँ मैं दरअस्ल इक हँसी के लिए -
फ़रेब है ये तबस्सुम भी मेरे होठों कातरस रहा हूँ मैं दरअस्ल इक हँसी के लिए
करन ने दे दिए हैं दान में कवच कुंडलये सुन के पार्थ का सारा गुमान टूट गया -
करन ने दे दिए हैं दान में कवच कुंडलये सुन के पार्थ का सारा गुमान टूट गया
ज़रूरत का निवाला बन गए हैंज़रूरत ख़्वाब मेरे खा रही है_________दख़लन भोपाली -
ज़रूरत का निवाला बन गए हैंज़रूरत ख़्वाब मेरे खा रही है_________दख़लन भोपाली
किसी ज़बाँ पर कभी हमारा भी शे'र होगाजो टूटे दिल के किसी बशर की सदा बनेगा -
किसी ज़बाँ पर कभी हमारा भी शे'र होगाजो टूटे दिल के किसी बशर की सदा बनेगा
छड़ी पकड़कर घिसटता बूढ़ा बता रहा थामुग़ालता था कि उसका बेटा असा बनेगा -
छड़ी पकड़कर घिसटता बूढ़ा बता रहा थामुग़ालता था कि उसका बेटा असा बनेगा
जान हम इश्क़ में हैं वस्ल के हक़दार मगरतुमसे इक बोसे की इमदाद नहीं होना है____________दख़लन भोपाली -
जान हम इश्क़ में हैं वस्ल के हक़दार मगरतुमसे इक बोसे की इमदाद नहीं होना है____________दख़लन भोपाली