23 FEB 2018 AT 1:11

श्रीकांत भारद्वाज की कलम से।
मेरे माता-पिता को समर्पित।।

*अमूल्य होते है जो। (वो होते है माँ-बाप)*

तुम्हारे हर सुख में खुश हो जाते और हर दुख में रो जाते जो। (वो होते है माँ-बाप)
तुमको जीताने के लिए पूरे जग से लड़ जाते जो। (वो होते है माँ-बाप)
उंगली पकड़कर चलना और दुनिया के सामने बोलना सिखाते जो। ( वो होते है माँ-बाप)
निस्वार्थ पढ़ा लिखा कर काबिल और सफल बनाते जो। (वो होते है माँ-बाप)
फिर भी तुम उनको छोड़ जाते हो अकेला अपने स्वार्थ के लिए तब भी तुमको प्यार नही करते कम जो। (वो होते है माँ-बाप)
अपना लेते है तुमको हर बड़ी गलती के बाद जो। (वो होते है माँ-बाप)
निस्वार्थ प्यार करते है जो। (वो होते है माँ-बाप)

वास्तव में *अमूल्य होते है जो। (वो होते है माँ-बाप)*

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