जब तक दुनिया के नजरिये सेजिंदगी जी रही थीतब तक दिन के उजाले में अंधेरा महसूस होता था जिस दिन खुद पर भरोसा पाया उस दिन अंधेरे में भी रोशनी के होने का अहसास हो आया -
जब तक दुनिया के नजरिये सेजिंदगी जी रही थीतब तक दिन के उजाले में अंधेरा महसूस होता था जिस दिन खुद पर भरोसा पाया उस दिन अंधेरे में भी रोशनी के होने का अहसास हो आया
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