ख़ालीपन -
जीवन में एक ख़ालीपन है,
ये कमरा आजकल कुछ ज़्यादा ही ख़ाली लगता है।
ये किताबें , बातें और तुम्हारे वादे अधूरे लगते है।
किताबों के हर उस पन्ने पर जिस पर प्यार, इश्क़, और मोहब्बत जैसे अल्फ़ाज़ दर्ज है… वो अब एक झूठ और फ़रेब लगते है।
आजकल एक अधूरापन है , एक अकेलापन है।
ये दीवारें अब और सुनी लगती है ,
उन पर लगी हमारी तस्वीर और उन में हमारी मुस्कुराहट अब कुछ कम सी लगती है।
जो मेरे ये एहसास है वो कुछ ख़ास है,
मैं तुमसे अपने इश्क़ का इज़हार करती हूँ।
मेरे इस इज़हार को मेरी कमज़ोरी ना समझना,
तुम्हारे इंकार को मैं तुम्हारी अना नहीं समझूँगी ,
एक सिर्फ़ ये अना ही तो है जिसकी वजह से ना जाने कितनी कहानियाँ अधूरी रह जाती है,
आज हमारी भी कहानी अधूरी है …
जो मेरे अधूरेपन को याद दिलाती है, कि इश्क़ अधूरा अच्छा नहीं लगता ॥
श्रेया - १७ फ़रवरी ।
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