12 APR 2018 AT 13:04

ज़िक्र हम नाचीज़ का भी होगा उसकी ज़ुबान पर एक दिन..
कि नफ़रत की नुमाइश फ़ीकी पड़ जाती है दिन -ब- दिन..

- ya_pta