ज़िन्दगी की इक शामऐसी भी आईं...रोशनी बरक़रार रहीं,और आफ़ताब ढल गया! -
ज़िन्दगी की इक शामऐसी भी आईं...रोशनी बरक़रार रहीं,और आफ़ताब ढल गया!
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