सोचा था लिखता रहूँगा उसके लिए...
जिससे मुझे प्रेरणा मिलती थी...
खोया हुआ कल ढूँढने चला था मैं...
तक़दीर में कुछ और ही लिखवा आया था मैं...
कुछ बातें ऐसी हो गई...
माँनो रक्षा में हत्या हो गई....
आज हम शर्मिंदा हैं क्यूँ हम ज़िंदा हैं।
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