तुमने ही मेरी मौत का इन्तजाम कर दिया
नाम मेरा लेकर मुझ को बदनाम कर दिया
मिला तो मुझ को भी था आम सा शर्बत
दो बूँद इश्क़ के मिलाकर के जाम कर दिया
रश्क़-ए-हुस्न के जाम को बरबाद कर दिया
मिरे हुक़्म को तुमने फ़रियाद कर दिया
बे - होश मैं रहा तेरी कैद में उम्र भर
पर नोच के तुमने मुझे आज़ाद कर दिया!
- सनकी®™