सपनो की रानी तो तुम ही हो मेरी, चलो खुद की दुनिया साथ बनाते हैं,
चलो एक बार फिर अजनबी से जानेमन बन जाते हैं।
हम तो दीवाने हैं, चलो पागल आशिक ही कहलाते हैं,
प्यार मोहब्बत से बढ़कर हमें अल्फाज नज़र नही आते हैं।
लौट आना बा जहां भी हो तुम,
जिंदगी का सफर चलो साथ पूरा करने निकल जाते हैं।
एक दूजे से वादा जो किए, उसे चलो निभाने साथ निकल जाते हैं,
सपनो का जो घर साथ बनाया है हमने,
चलो उसे साथ मिलकर सजाते हैं,
चलो शिविका को सच कर दिखाते हैं।।
घर तुम ही तो हो मेरा, चलो हम ही मुसाफिर बन जाते हैं,
मंज़िल तो तुम ही हो मेरी, चलो कुछ वक्त के लिए हम ही राही बन जाते हैं।
तुम बस साथ दो मेरा, हम सब ख्वाब सच कर दिखाते हैं,
वादा है तुझसे ए सनम, हम तेरे लिए सब कुछ कर गुजरना चाहते हैं।
सपनो का जो घर साथ बनाया है हमने,
चलो उसे साथ मिलकर सजाते हैं,
चलो शिविका को सच कर दिखाते हैं।।
सपनो की रानी तो तुम हो मेरी, चलो खुद की दुनिया साथ बनाते हैं,
चलो एक बार फिर अजनबी से जानेमन बन जाते हैं।।
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