Shivani Negi  
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कुछ, जो कही न गई
और कुछ वो जो कहा जाता नहीं..
Joined 2 December 2017


कुछ, जो कही न गई
और कुछ वो जो कहा जाता नहीं..
Joined 2 December 2017
18 JAN 2019 AT 8:36

नदान हू
न..ना..समझ नही

( अनुशीर्षक में पढ़ें )

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1 JAN 2019 AT 22:46

हिज़ाब बादलों का ओढ़ा है चाँद ने
मैं दीदार चाँदनी का करूँ कैसे!!

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15 JAN 2022 AT 19:38

and some people are like winter breeze
with them, you learn to embrace yourself

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1 JAN 2022 AT 15:25

हसरत है रात
और तुम इसी हरसत पर टँका इक चाँद
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न ये हसरत मेरी है और न वो चाँद...

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3 JUL 2021 AT 20:00

whenever I see them standing against something which cannot ruled out, I can't help myself but question, "is it really worth of... of all the fight they have taken or of all the fight they are ready to take after losing every time?"
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yesterday when I voiced out this thought to Nandita, she replied with her as usual simple smile, "maybe someday you will have the answer to that question... after all it's all about how madly you believe in something."

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24 JAN 2021 AT 21:43

हम दोनों में आज भी फ़र्क़ उतने ही गहरे हैं
जितने की पहली मुलाकात में हुआ करते थे
बस, अब ये बिन वजह खलते नहीं

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24 JAN 2021 AT 21:37

अक्सर अल्फ़ाज़ वो कहने से कतरा जाते हैं
जो आपको अंदर से कचोट रहा होता है
ऐसी हर वो बात,
खामोशी कहीं न कहीं ज़ाहिर कर ही देती है

और मुझे ऐसी ही कोई खामोशी साझा करनी है, तुम्हारे साथ

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3 JAN 2021 AT 18:03

तुम्हारी और मेरी कहानी में
फर्क मात्र किरदारों का है
और ऐब संपूर्ण समाज का
न सच की परिभाषा में उतारा जा सकता है उन्हें
न झूठ कहकर झुठलाया जा सकता है
वे बहरूपिए हैं, और मौकापरस्त भी
वे खोखले शब्दों की खनक से हैं
और खनकते सुनाई भी नहीं देते
पर तुम्हारी यही तो पसंद है न?

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13 DEC 2020 AT 20:09

कभी चाहत पूरी न हो सकी मेरी
जिन्हें चाहा, वो मेरे हुए नहीं
जिनकी चाहत बनी, उनकी मैं न हो सकी

जिनसे निभी,
वो नसीब में रिश्ते बनकर आ न सके
और बेनामों पर सवालों के पहरे बहुत थे
जिनसे बंधी,
वो मेरे दायरे बन गए
ऐसे सभी रिश्ते दिल का भार बनकर रह गए

मुझसे पूछा होता जो किसी ने
मैं बताती जरूर
"ये ख़्याल ही बेहतर है चाहत का
जमीं पर तो बस, कब्रें बिछी हैं"

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13 DEC 2020 AT 19:12

कभी सोचो तो कुछ भी सही नहीं लगता
और कभी सब कुछ सही ही लगता है

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