हैं दफन मुझ में कितनी यादें मत पूँछहर दफ़ा बिखर कर भी सिमटती रही, वो आग हूँ मैं - S.AR.
हैं दफन मुझ में कितनी यादें मत पूँछहर दफ़ा बिखर कर भी सिमटती रही, वो आग हूँ मैं
- S.AR.