तेरे दरिया ए इश्क में डूब कर यह तजुर्बा हो गया..पत्थर दिल इंसान में जरा भी रहम नहीं होता।। - $hivangi √erma
तेरे दरिया ए इश्क में डूब कर यह तजुर्बा हो गया..पत्थर दिल इंसान में जरा भी रहम नहीं होता।।
- $hivangi √erma