बड़ी फुरसत थी उन्हें,जब तक हमें रिझाना था,मियाँ आजकल बहुत "बिज़ी" चलते हैं। -
बड़ी फुरसत थी उन्हें,जब तक हमें रिझाना था,मियाँ आजकल बहुत "बिज़ी" चलते हैं।
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Dear 'unrealistic goals',Since real people are rare now, you may hereby go to hell.With lots of sympathy,Me. -
Dear 'unrealistic goals',Since real people are rare now, you may hereby go to hell.With lots of sympathy,Me.
बुरे लोगों ने सिखाया,अच्छे लोगों के लिए,अच्छा होना। -
बुरे लोगों ने सिखाया,अच्छे लोगों के लिए,अच्छा होना।
People urging you to voice your feelings, are often the same who label them as 'excuses' and 'escapes'. -
People urging you to voice your feelings, are often the same who label them as 'excuses' and 'escapes'.
जो अंतर्मन की बुराई से हारे जा रहे हैं,सुना है, धूमधाम से दशहरा मना रहे हैं। -
जो अंतर्मन की बुराई से हारे जा रहे हैं,सुना है, धूमधाम से दशहरा मना रहे हैं।
जिनके कारण नींदों से जग जाया करते हैं हम,वो अक्सर सुकून की नींद सोते हैं। -
जिनके कारण नींदों से जग जाया करते हैं हम,वो अक्सर सुकून की नींद सोते हैं।
कहीं किसी का घर जलाकर,थोड़ा मन बहलाते हैं।लाज-दुशाला ओढ़, चलो"सामाजिक" बन जाते हैं। -
कहीं किसी का घर जलाकर,थोड़ा मन बहलाते हैं।लाज-दुशाला ओढ़, चलो"सामाजिक" बन जाते हैं।
झूठी हँसी हँसने में भी मेहनत होती है,कभी कभी निष्ठुर कितनी कुदरत होती है?'बड़ा' बनने के फेर में, भूल जाते हैं सभीपरिपक्वता की भी अपनी कीमत होती है। -
झूठी हँसी हँसने में भी मेहनत होती है,कभी कभी निष्ठुर कितनी कुदरत होती है?'बड़ा' बनने के फेर में, भूल जाते हैं सभीपरिपक्वता की भी अपनी कीमत होती है।
कभी ज़िन्दगी के दुःख बाँटे थे जिनसे,आज खुद ज़िन्दगी का दुःख बन गए हैं। -
कभी ज़िन्दगी के दुःख बाँटे थे जिनसे,आज खुद ज़िन्दगी का दुःख बन गए हैं।
बिकने लगी है मोहब्बत,कौड़ी के दाम पर,मिलते हैं अब बुज़दिल,आशिकों के नाम पर। -
बिकने लगी है मोहब्बत,कौड़ी के दाम पर,मिलते हैं अब बुज़दिल,आशिकों के नाम पर।