10 AUG 2017 AT 18:48

तुम्हारी हँसी की आवाज़ें,
मेरे कानों में क़ैद हैं जो।
कभी कभी सुनते सुनते रो पड़ता हूँ।

वो जो इन्हें रोज़ सुनता होगा अब,
उसे तुमसे बिछड़ने का डर नहीं है क्या।

- Shivam Tiwari