तुम्हारी हँसी की आवाज़ें,मेरे कानों में क़ैद हैं जो।कभी कभी सुनते सुनते रो पड़ता हूँ।वो जो इन्हें रोज़ सुनता होगा अब,उसे तुमसे बिछड़ने का डर नहीं है क्या। - Shivam Tiwari
तुम्हारी हँसी की आवाज़ें,मेरे कानों में क़ैद हैं जो।कभी कभी सुनते सुनते रो पड़ता हूँ।वो जो इन्हें रोज़ सुनता होगा अब,उसे तुमसे बिछड़ने का डर नहीं है क्या।
- Shivam Tiwari