Shivam Singhal   (Shivam Singhal)
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Insta id:- inked_by_thoughts
Joined 18 September 2017


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27 FEB 2022 AT 21:49

एक मुद्दत सी हुई है तुमसे बात किए;
चल आज कुछ बातें करते हैं,
कुछ तुम कहना; कुछ हम सुनेंगे,
चल आज फिर एक अच्छे दोस्त बनते हैं,
एक मुद्दत सी हुई है तुमसे बात किए।

थोड़ी शिकायतें तुम भी करना;
कुछ गलतियाँ मैं भी सुधारूँगा,
कुछ किस्से तुम कहना;
कुछ कहानियाँ मैं भी कहूँगा।
चल आज फिर थोड़ा पीछे चलते हैं;
एक मुद्दत सी हुई है तुमसे बात किए,
चल आज कुछ बातें करते हैं।

कुछ तुम सुनना; कुछ हम कहेंगे,
चल आज फिर पुराने हम बनते हैं।
एक-एक प्याली चाय के साथ;
एक शाम साथ गुजारते हैं,
चाय की मिठास की तरह
फिर वही पुरानी मिठास लाएँगे,
फिर वही बेसुर राग के गीत हम गाएँगें,
कि एक मुद्दत सी हुई है तुमसे बात किए;
चल आज कुछ बातें करते हैं।
कुछ बातें करते हैं।

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20 DEC 2021 AT 22:11

कम्बख्त ठंड भी कितने सितम ढाती है,
खाली बाँहों को बार बार तुम्हारी याद दिलाती है।।

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8 MAY 2021 AT 23:12

हवा बिक गयी; पानी बिक गया,
बिक गयी साँसें बीच बाजार;
जिन्दों को तो लाशें बना दिया,
अब किस से करेगा व्यापार।

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2 MAY 2021 AT 23:22

गर अस्पतालों में भी आरक्षण लग जाता;
मैं हिन्दू तू मुसलमान में मैं बँट जाता,
देता गर मैं सिर्फ अपनों को ही इलाज;
राजनेता शायद मैं भी बन जाता।

गर लगवा देता मैं भी दवा की बोली;
करता गर इलाज में हेराफेरी,
देखता अगर मैं भी हर जगह नफा नुकसान;
बिजनेसमेन शायद मैं भी बन जाता।

क्यूँ पूजते हो मुझको तुम;
अस्पतालों में क्यूँ हो ढूँढते तुम,
गर ना होता मजबूर अपने फर्ज से मैं;
इन्सान शायद मैं भी बन जाता।

रूक जाओ अगर थोड़ा सा तुम;
ना निकलो अनावश्यक बाहर तुम,
तो बीमारी का डर थोड़ा कम हो जाता;
हाँ फिर मैं भी अपने घर सबसे मिल आता,
मैं भी अपने घर सबसे मिल आता।

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22 MAR 2021 AT 22:51

मेरी गद्य सी जिन्दगी में,
काव्य संग्रह तुम बन जाओ,
कागज मैं बन जाता हूँ;
स्याही तुम बन जाओ।

मेरे अर्थहीन साहित्य का;
अर्थ तुम बन जाओ,
अक्षर मैं बन जाता हूँ;
कविता तुम बन जाओ।

मैं प्रतीक्षा शिव सी कर लूंगा;
तुम पार्वती मेरी बन जाओ,
कान्हा सा मैं अठखेलियां कर लूंगा;
राधिका जो तुम बन जाओ।

बिता दूँगा चौदह वर्ष वन में मैं भी;
गर सीता तुम मेरी बन जाओ,
अक्षर मैं बन जाता हूँ;
कविता तुम बन जाओ।

#JABWEMET

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7 JAN 2021 AT 23:14

मैं गीत जो कोई लिखूँ; संगीत तुम उसका बन जाना,
मैं अल्फ़ाज़ गर कोई बोलूं, तुम अर्थ उसका बन जाना।

#JABWEMET

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26 SEP 2020 AT 23:21

सुनो ना,
यूँ तो पीता नहीं हूँ मैं चाय अक्सर,
पर तुम्हारे हाथों की बनी;
एक प्याली चाय मिलेगी क्या,
सुना है तुम चाय में मुहब्बत घोल कर पिलाती हो।।।

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23 SEP 2020 AT 11:25

अक्सर भूल जाता हूँ मैं खुशी में वजूद रब का,
जाने कहाँ से दुखों में जुबां पर बस वही (रब) छाया रहता है। ।

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2 AUG 2020 AT 10:07

Life is like a River;
Friendship like a Boat,
Which helps to sail through the River!!!

#JABWEMET
#HAPPYFRIENDSHIPDAY

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9 JUL 2020 AT 7:40

एक तुम और तुम्हारी मुस्कान,
दिल की जरूरत है,
तुम्हारी खनकती मधुर आवाज़;
और सुरीले साज़,
दिल की जरूरत है,
हर सुबह तुम,
और जिन्दगी भर तुम्हारा साथ।।

#JABWEMET

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