SHIVAM NISHAD   (Typical Shivam Nishad)
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कुछ बात लिखता हूँ अपने दिल के ज़ज्बात लिखता हूँ।
Joined 15 March 2019


कुछ बात लिखता हूँ अपने दिल के ज़ज्बात लिखता हूँ।
Joined 15 March 2019
30 MAR 2022 AT 7:23

Sometimes sitting on the tiles of your washroom in a position of binding your legs with your hands and letting the shower heal all your wounds is so satisfactory.

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19 MAR 2022 AT 18:12

फिर से मोहब्बत.....

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14 JAN 2022 AT 21:34

शब्द क्या कहूँ,
निःशब्द हो गया हूँ।
मोहब्बत के बाजार में
भीड़ हो गया हूँ,
दो अशर्फी थी जेब में
जेबकतरे ने निकाल लीं,
घर जाने का किराया नहीं,
वैसे भी घर जाना नहीं।
पोशाक गंदी सही दिल साफ़ वही
गली तंग सही रुका हूँ वही।
दिल चोर को बुलाओ,
दिल वापिस दिलाओ।
कि साँस लेना कठिन,
मौत है जीना उस बिन।
कि खबर कोई गम की न लाना,
मेरी मौत पे मिठाई बंटवाना।।

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28 DEC 2021 AT 15:56

Intzaar barabar idhar bhi hai, Pr jid bhi hai mujhe
Saal badlega mahina badlega badlega ye din bhi
Magar kuch nahi badlega to vo hai mera pyaar
Ki ek din fir mulaqat hogi fir se baat hogi
Pr jid sirf ye hai ki is baar tumse shuruat hogi.

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23 NOV 2021 AT 22:00

You were like pinned chat to me always at top with no message and I was like archive chat to you always hidden with so many text. But things have changed I have deleted the pinned chat.

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20 NOV 2021 AT 9:22

अजीब हैं इस मन की अभिलाषाएं,
एक पल के लिए भी मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता,
पर सच तो यह भी है कि मैं तुम्हारा होना नहीं चाहता।
मैं तुम्हें कुछ इस तरह गले लगाना चाहता हूँ
कि फिर कभी तुमसे जुदा होना नहीं चाहता,
पर सच तो यह भी है कि तुम मेरे रास्ते से गुजरो
तो मैं तुम्हें देखना भी नहीं चाहता,
चाहतों में मेरी मुझसे तुम्हें कोई कभी जुदा नहीं कर सकता,
पर सच ये भी है कि हकीकत में तुम्हें मेरा खुदा भी नहीं कर सकता।
जितना भी तुम्हारे करीब होना चाहता हूँ पुरानी बातों को
याद करके और भी दूर हो जाता हूँ।
मैं तुम्हें चाहता हूँ, तुम्हारा होना नहीं चाहता।

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12 NOV 2021 AT 21:31

गायब है एक अरसे से वो लड़का
कि अब दिखता नहीं,
मत खोजो उसे
कि अब वो लिखता नहीं।

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10 NOV 2021 AT 18:44

मेरी अधूरी मोहब्बत

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23 OCT 2021 AT 15:18

मोहब्बत में मेरी उसने खुदको पागल कर लिया,
मैं नादां था जो ना समझ सका उसका लाल इश्क
इश्क मेरा जो ना पा सकी उसने खुदको बादल कर लिया।
मोहब्बत में मेरी उसने खुदको पागल कर लिया
कि अब उसकी ही बद्दुआ काम आ रही है,
अंदर जाती हर एक साँस छुरी चला रही है।
अनजाने में ही मगर उसको बहुत रुलाया है मैंने,
जिंदगी का सबसे सच्चा इश्क गवाया है मैंने,
मलाल मुझे आज भी है कि तेरा ना हो सका,
तू तो मुझमें डूब गयी मैं ही तुझको ना संजो सका।
तेरी हर एक याद ने आज फिर मुझको रुलाया है,
रो-रो कर निषाद ने सिर्फ तुझको बुलाया है।
कि लायक तो नहीं मैं फिर भी मुझे माफ़ करना जाना,
मेरी आँखों से गिरती हर एक बूँद है मेरा माफ़ीनामा।

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7 OCT 2021 AT 23:33

Saying sorry and being sorry both are very different things.

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