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ज़िंदगी मिलती है बस एक बार,
मौत हमे आती है एक बार,
दोस्ती भी होती है एक बार,
प्यार भी होता है एक बार,
दिल भी टूटता है एक बार,
ज़िन्दगी में सब कुछ होता है एक बार,
फिर तेरी याद क्यों आती है बार बार।
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कभी पढ़ता हूं महोब्बत को, कभी मोहब्बत... read more
मैंने कल एक झलक जिंदगी को देखा,
वो मेरी राह में गुनगुना रही थी ...
मैं ढूंढ़ रहा था उसे इधर उधर,
वो ऑंख मिचोली कर मुस्कुरा रही थी ...
एक अरसे के बाद आया मुझे करार,
वो थपकी दे मुझे सुला रही थी ...
हम दोनों क्यों ख़फा हैं एक दुसरे से,
मैं उसे और वो मुझे बता रही थी ...
मैंने पुछा तूने मुझे इतना दर्द क्यों दिया ?
उसने कहाँ मैं जिंदगी हू ...
"तुजे जीना सीखा रही थी"-
*पल-पल का.........*
*प्यार का वादा है........*
*तुम से,.........*
*अपनापन कुछ.........*
*ज्यादा है तुम से,......*
*ना सोचना की........*
*भुल जायेंगे* *हम........* *तुमको,......*
*जिंदगी भर याद.........*
*रखने का वादा है......*
*तुम से.*-
दिन की भीड़ से खुद को बचा कर आ गया
रात गुजारनी है मुझे इबादत में
कलम ले लिख मेरे बेजुबां दिल के दर्द को
कागज़ जलने लगी है अश्क ऐ मोहब्बत में
बुझा दे दिया मेरे कमरे का ________
दिल नही लग रहा उजाले की हकीकत में
चल चलते है ख्वाब में उनका दीदार करने
हम खुश है यारो अपने मशरूफियत में
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दर्द आँखों से निकला तो सबने बोला
कायर है ये...!
जब दर्द लफ़्ज़ों से निकला तो सब बोले
शायर है ये...!!
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_जो कहना था तुमसे,
ओ काग़ज़ से कह गए...!
यूं लिफाफे में बंद,,
मेरे अरमान रह गए....!!-
_उसकी याद आई है आधी रात में....!
अरे हम तो बैठे ही थे, उसे भूलने के फिरात में...!!-
आज गुमनाम हूं तो फासला रक्खा है मुझसे...!
कल जब मशहूर हो जाऊं तो कोई रिश्ता निकाल लेना...!!-
कहाँ से लाऊ हुनर उसे मनाने का
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी
क्यूंकी जुर्म मैंने किया था उससे दिल लगाने का।।-
धड़कने तेरे साथ चली गई💔
अब ये दिल खामोश रहता है
जिक्र नहीं करता मैं किसी से💔
तेरा नाम सिर्फ जहन में रहता है
उजालों से नफरत हो गई मुझे💔
ये दिल अंधेरों को घर कहता है
बेवफा नहीं शायद मजबूर था वो💔
जिसे दिल आजतक हमसफर कहता है||
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