कुछ बनने की फ़िराक में, निकला जाने किस राह पर,तेरी गैरमौजूदगी ने उसके भी, ठिकाने बदल डाले। - शितांशु 'रजत'®
कुछ बनने की फ़िराक में, निकला जाने किस राह पर,तेरी गैरमौजूदगी ने उसके भी, ठिकाने बदल डाले।
- शितांशु 'रजत'®