झूठ था या हकीकत थी समझ न आया था , मैंने उसके एहसास को साँसों में बसाया था। - शिखा जैन
झूठ था या हकीकत थी समझ न आया था , मैंने उसके एहसास को साँसों में बसाया था।
- शिखा जैन