ज़िंदे को मुर्दा, मुर्दे को जिंदा बताना आजकल आम हो गया है इंसानियत को भूल इंसान अब पैसों का गुलाम हो गया है. - ©Shikha
ज़िंदे को मुर्दा, मुर्दे को जिंदा बताना आजकल आम हो गया है इंसानियत को भूल इंसान अब पैसों का गुलाम हो गया है.
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