25 FEB 2018 AT 18:30

किसे पता था सुबह चहकते हुए स्कूल जाने वाले
शाम तक हमेशा के लिए खामोश हो जायेंगें
घर को अपनी मस्तियों से गुलजार करने वाले
आज ही क़फ़न में लिपटी लाश हो जायेंगें।।

क्या हो जाता गर उसने नियंत्रण में गाड़ी चलाई होती
जल्दी पहुंचने की खातिर ये तबाही न मचाई होती
तो शायद वो सारे परिवार अब भी खुशहाल होते
सुबह की तरह शाम भी उनके आंगन गुलजार होते।।

औरों को उनका दर्द कहां समझ में आयेगा
सब बस कुछ पलों के लिए सहानुभूति ही जतायेगा
पर जिनके घर का चिराग बुझा है, उनके सीने में
ये मातम उम्र भर दर्द की अनुभूति करवायेगा।।

- ©Shikha