Shashank Verma  
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Joined 23 February 2018


Joined 23 February 2018
26 JUL 2018 AT 23:53

मेरा अपना क्या है
सब कुछ तो अपनाया भर है
अपनाना या ठुकराना शायद मेरा अपना था
पर वो भी कितना मेरा अपना था मालूम नही ।

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12 JUN 2018 AT 11:58

मैं मैं नही था
तुम तुम नही थे
हम मिले तो जरूर
पर तब हम हम नही थे।
रोये दोनों ही बहुत
क्योंकि किसी के गम
किसी से कम नही थे।

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10 JUN 2018 AT 23:18

मुझे मौत का डर नही
ये साबित करने के लिए
क्या मेरा मरना जरूरी है?
मुझे तुम से इश्क़ नही
इस के लिए क्या मेरा
किसी और से इश्क़ करना ज़रूरी है?

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10 JUN 2018 AT 23:12

गम तो बहुत है मेरे पास,
बस कोई वाजिब वजह दे जाओ

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10 JUN 2018 AT 22:59

जो लेखक बन नही पाता वही किरदार लिखता है,
फिर भी पाठक को किरदार में लेखक दिखता है।

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1 JUN 2018 AT 15:10

दूसरों की कल्पना में अपना यथार्थ खोजता फिर रहा हूँ....

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31 MAY 2018 AT 13:21

क्यों दो भटकते राही एक दूसरे को पा के
एक दूसरे को अपनी मंजिल मान के
भटकना छोड़ देते है?

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30 MAY 2018 AT 21:56

Pyaar peer pressure ka natija hai...

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30 MAY 2018 AT 0:20

How could it ever end on a happy note?

If it was happy why would it end.?

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29 MAY 2018 AT 18:59

मैं तो सब कुछ बोल चूका,
राज हूँ सारे खोल चूका;
पर तुम अब भी कुछ मत कहना,
एक पहेली ही बन के रहना।

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