तैयारी चल रही है चारों तरफ
गणतंत्र दिवस के पूर्व संध्या से ही..
खुशी में मग्न है हर कोई...
मानने को 26 जनवरी |
साफ सफाई कर रहे हैं
झंडा फहराने वाले स्थान में ..
बच्चे-बड़े सभी बहुत व्यस्त हैं...
तिरंगा की खरीदारी में ||
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फिर भी दो शब्द लिख देता हूं
बचपन से ही जिसने
भारत की आजादी को मन में ठाना..
महापुरुष है सचमुच वह...
जिसने क्रांति को अपना माना |
ब्रिटिश सरकार को उखाड़ फेंकने का
उसने दृढ़ निश्चय किया..
हिटलर की मदद लेकर...
एक आर्मी फौज खड़ा किया |
देशवासियों के मन में उसने
विद्रोह का ज्वाला फुंक दिया..
भारतवर्ष को आजादी दिलाने का...
महत्वपूर्ण भूमिका उसने निभाया ||-
स्वागत करें हम धुम धाम से
मेरे घर राम आए हैं..
आओ मिलकर मनाएं फिर से दिवाली...
मेरे प्रभु लौट आए हैं |
134 वर्षों के कानूनी संघर्ष के बाद
आखिरकार सत्य की विजय हुई..
अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण करके...
पुरे देशवासियों को खुशी हुई ||-
हार्दिक अभिनंदन है श्री राम आपका
अयोध्या के इस पावन नगरी में..
जश्न मना रहे हैं हर कोई...
आपके लौट आने की खुशी में |
500 साल का इंतजार
आखिरकार अब खत्म हुआ..
राम राज्य की पुनः स्थापना करके...
पूरा देश दीपों से जगमगा उठा ||-
आज सुबह उठते ही
मुझे मिला एक नायाब तौफा..
कितने सालों बाद पिकनिक जाने का...
मिला एक खूबसूरत मौका |
इस छोटे से सफर के लिए
खुशी का कोई ना था ठिकाना..
नए साल के इन यादों को...
हमेशा है अपने पास रखना ||-
पास रहकर भी हम
यूं ही दूर चले गए..
छोड़ कर के खुशियां सारी...
हम अकेलेपन में खो गए |
ऐसा भी क्या हो गया
कि हम साथ नहीं रह पाए..
दोष भी क्या दे हालात को...
जब हम खुद ही जुदा हो गए ||-
आजादी का सपना देख कर
चलाया था उसका अभियान..
गोरे अंग्रेजों को देश से भगाने...
कर दिया अपनी जान को कुर्बान |
सेण्ट्रल असेंबली में बम फ़ेंक कर
खुलेआम विद्रोह कर दिया..
यातना मिले चाहे कितनी भी दें...
पर विद्रोह नहीं छोड़ने का प्रण लिया |
जेल में रखा कई दिनों तक
पर उसका देश प्रेम ना कम हुआ..
भारत मां के वीर पुत्र ने...
हंसते-हंसते फांसी चढ़ गया ||-
मेहनत ही है सर्वश्रेष्ठ
जीवन में बहुत महत्व है इसका..
हमें बचपन से यह सिखाया कि...
कभी ना करो उपहास इसका |
आगे जाकर सफलता पाने के लिए
बहुत जरूरी है मेहनत..
पर आलस करने वाले कहते हैं...
खराब है हमारी किस्मत |
भूल गया था मैं यह की
अब अलास्यता भी उत्तम है..
मेहनत का कोई मोल नहीं...
अब सब जगह पैसा ही सर्वोत्तम है ||-
গত বছর থেকেই দিন গুনছি
কবে হবে আরো দূর্গা পূজা..
প্যান্ডেলেতে ঘুরতে গিয়ে...
কবে খাব আমি ভাবরা ভাজা |
মহালয়া পেরিয়ে গেল তাও
মা আসার অপেক্ষায় আছি..
নতুন জামা কাপড় কিনে...
খুশিতে আমি বিভোর হয়েছি ||-
शिक्षक के हाथों में
बच्चों का भविष्य होता है..
जिसे ज्ञान का पाठ सिखा कर...
उसे अच्छा मनुष्य बनाता है |
अज्ञान रूपी अंधेरे को खींचकर
ज्ञान रूपी रोशनी देता है..
जिसे पाकर छात्रों का जीवन...
उज्जवल मय हो जाता है ||-