सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं ☂️☂️☂️☂️☂️
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मै तो आखे देखकर ही बतला दूँगा कि तुम मे से किस किस ने दरिया देखी है....
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एक कलम, एक किताब, एक बच्चा और एक शिक्षक दुनियाँ बदल सकता हैं...... (मलाला यूसुफ ) GOOD EVENING JPS FAMILY
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और ही दुनिया में मिली थी मुझसे , तू किसी और ही मौसम की महक लायी थी डर रहे थे कि कहीं जख्म भर न जाए और तुम मुठ्ठी भर भर के नमक लायीं थी Tahazeeb
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जिस प्रकार बिना चर्चा के कृषि कानून लाए गए और बिना चर्चा के वापस लिए इससे साबित होता है सरकार चर्चा से डरती है।आखिर इन कानूनों को बनाने के पीछे कौन सी शक्ति थी ?
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जब कृषि कानून पारित करें गए तब विरोध में लाखों किसान सड़कों पर उतर आए लेकिन आज जब निरस्त करें गए तब आज पूरे देश से एक भी किसान ने इन क़ानूनों को बहाल रखने की माँग नहीं की।
#लोकतंत्र-
विरासत से तय नहीं होते सियासत के फैसले,
ये तो उड़ान तय करता है आसमां किसका है ।-